Netaji Subhash Chandra Bose भारत के शौर्य व पराक्रम के प्रतीक हैं: योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि Netaji Subhash Chandra Bose भारत के शौर्य व पराक्रम के प्रतीक हैं।जिन्होने आजादी के आंदोलन में युवाओं को विदेशी हुकूमत के खिलाफ एकजुट करके लड़ने की नई प्रेरणा दी थी।नेता जी की जयंती पर लखनऊ के परिवर्तन चौक पर उन्हे श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुये श्री योगी ने कहा कि न केवल भारत, बल्कि बाहर भी हमें देश की आजादी की लड़ाई को कैसे आगे ले जाना है। नेताजी ने उस समय इसकी गजब रणनीति तैयार की थी। आज उसी का परिणाम है कि जब हम भारत के बाहर जाते हैं तो बहुत सारी जगहों पर हमें नेताजी से जुड़े स्थल भी देखने को मिलते हैं। नेताजी ने युवाओं का आह्वान करते हुए देश की आजादी की लड़ाई को प्रखरता के साथ बढ़ाने का कार्य किया।
उन्होने कहा कि नेताजी ने आजाद हिंद फौज का गठन किया। Netaji Subhash Chandra Bose नौजवानों का आह्वान किया- तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। देश की आजादी के इस मंत्र की बदौलत लाखों युवा सर्वस्व न्योछावर करने को तैयार हो गए। युवा व हर भारतवासी आजाद हिंद फौज के नेतृत्व में लड़ी जाने वाली लड़ाई का हिस्सा बना। नेताजी ने न केवल भारत, बल्कि म्यांमार, सिंगापुर समेत दुनिया के अनेक देशों में इस लड़ाई को प्रखरता के साथ बढ़ाने का कार्य भी किया। यही कारण है कि हर भारतवासी नेताजी के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव रखता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Netaji Subhash Chandra Bose की पावन जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में आयोजित करने और साप्ताहिक आयोजन को इससे जोड़ने का कार्यक्रम बनाया है। नेताजी भारत के शौर्य व पराक्रम के प्रतीक रहे हैं। उन्होंने युवाओं को भारत के पराक्रम से जोड़ने का कार्य किया है। आज जब 127वीं पावन जयंती पर उन्हें स्मरण कर रहे हैं तो आंतरिक व बाहरी सुरक्षा की रणनीति क्या होनी चाहिए, इन स्थितियों में अब हमारे सामने सक्षम भारत है। पूरी दुनिया नए भारत को देख रही है। भारत वर्ल्ड पावर के रूप में स्थापित हो रहा है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारत की वर्तमान स्थिति को पराक्रमी भारत के माध्यम से बढ़ने के प्रेरणास्रोत हैं।
इस अवसर पर महापौर सुषमा खर्कवाल, प्रदेश सरकार के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह, मोहसिन रजा, एमएलसी इंजी. अवनीश सिंह, बुक्कल नवाब, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री घनश्याम आदि मौजूद रहे।